स्वचेतना - परमात्मा का आशीर्वाद

अभिस्वीकृति

 

।। ”परमपिता परमेश्वर श्री परमात्मा को नमन” ।।

"ज्ञानग्रंथ की रचना के समय विभिन्न समुदायों के अनेक ग्रंथों, शास्त्रों, लेखों व उक्तियों का संदर्भ के लिए प्रयोग किया गया है। इन साहित्यों के लेखन के लिए मैं इनके लेखकों, दार्शानिकों व बुद्धिजीविओं का आभार प्रकट करता हूँ व उनके ज्ञान को नमन करता हूँ।"

”कहीं कहीं कुछ संदर्भित लेखों का उल्लेख उनकी त्रुटियों को उजागर करने के लिए किया गया है, क्योंकि हम मनुष्य पिछले हजारों वर्षों से कईं क्रियाओं को उनकी त्रुटियों के साथ ही आत्मसात करते चले आ रहे हैं, वो भी मात्र इसलिए क्योंकि ऐसा करने को इन ग्रथों में लिखा है”।

”यदि प्रस्तुत ज्ञानग्रंथ में लिखित किसी भी लेख के कारण किसी की भी भावना को ठेस पहुँचती है तो मैं दिल से उनसे क्षमाप्रार्थना करता हूँ”।

कृतज्ञ - ‘शशी कपूर'

 
 
 
Our Ch. Astrologer

Disclaimer - Contact Us - About Us

© Om Samridhi - 2004, All rights reserved

Free Web Page Hit Counter